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मिलान कुंदेरा के उद्धरण

हम कभी नहीं जान सकते कि हम क्या चाहते हैं, क्योंकि एक ही जीवन जीने के चलते, हम न तो इसकी तुलना अपनी पिछली ज़िंदगियों से कर सकते हैं और न ही इसे अपनी आने वाली ज़िंदगियों में सुधार सकते हैं।

अनुवाद : सरिता शर्मा

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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