महात्मा गांधी के उद्धरण

हम अपनी पीठ स्वयं नहीं देख सकते, किंतु अगर दूसरे इसे देखकर गंदगी की बात हमें बताएँ, तो हम उसे भी नहीं सुनना चाहते।
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