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महमूद दरवेश के उद्धरण

घर वही है जहाँ मैं सोता हूँ, पढ़ता हूँ और लिखता हूँ और वह कहीं भी हो सकता है। मैं बीस से ज़्यादा घरों में अब तक रह चुका हूँ और मैं सदा अपने पीछे दवाएँ, किताबें और कपड़े छोड़ जाता हूँ। मैं भाग जाता हूँ।

अनुवाद : पंकज बिष्ट

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