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वाल्मीकि के उद्धरण

धर्म संपूर्ण जगत् को धारण करता है, इसीलिए उसका नाम धर्म है। धर्म ने ही समस्त प्रजा को धारण कर रखा है क्योंकि वही चराचर प्राणियों सहित सारी त्रिलोकी का आधार है।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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