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हान कांग के उद्धरण

बिना किसी आवाज़ के और बिना किसी हलचल के, मेरे अंदर की कोई कोमल चीज़ टूट गई। कुछ ऐसी चीज़, जिसके होने का मुझे तब तक एहसास भी नहीं हुआ था।

अनुवाद : सरिता शर्मा