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गणेश देवी के उद्धरण

भरत के नाट्यशास्त्र में निहित बुनियादी वैचारित प्रवृत्तियों की परीक्षा करने के लिए अरस्तु का काव्यशास्त्र एक सुगम प्रस्थानबिंदु—नाट्यशास्त्र के निरभ्र, गहन जल में ख़तरनाक गोता लगाने के लिए कूदने की एक जगह-जैसा है।

अनुवाद : अवधेश त्रिपाठी