यू. आर. अनंतमूर्ति के उद्धरण
भारतीय संस्कृति अगस्त्य ऋषि का पेट है। सृष्टि के वैविध्य और वैषम्य—दोनों को आसानी से पचा लेने की प्रवृत्ति हमारी है। यह एक जठराग्नि है।
-
संबंधित विषय : संस्कृति