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रवींद्रनाथ टैगोर के उद्धरण

भारत में आर्य जाति के लोग पहले अरण्य-निवासी थे, फिर ग्रामवासी हुए और उसके बाद नगरवासी।

अनुवाद : विश्वनाथ नरवणे