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कृष्ण कुमार के उद्धरण

बचपन में कई चीज़ें, भाव और अनुभव अनाम रहते हैं, इसीलिए इतने तीव्र होते हैं कि हम उन्हें जीवन भर उनकी मौलिक ऐन्द्रिकता में याद रख पाते हैं।