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शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के उद्धरण

अर्थहीन अकारण विप्लव की चेष्टा में रक्तपात होता है, और कोई फल प्राप्त नहीं होता। विप्लव की सृष्टि मनुष्य के मन में होती है, केवल रक्तपात में नहीं। इसी से धैर्य रखकर उसकी प्रतीक्षा करनी होती है।