एरिक फ़्रॉम के उद्धरण

ऐसा नहीं कि लोग प्रेम को महत्वपूर्ण न समझते हों। वे तो भूखे हैं इसके; जाने कितनी सुखांत और दुखांत प्रेम-कथाएँ वे फ़िल्मी परदे पर देखते हैं, जाने कितने प्रेम-गीत वे अपने ख़ाली वक़्त में सुनते हैं, लेकिन उनमें से शायद ही कोई सोचता हो कि प्रेम के बारे में कुछ जानने-सीखने की भी ज़रूरत है।
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