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यू. आर. अनंतमूर्ति के उद्धरण

अचानक किसी मृत्यु की याद, किसी प्रेम की स्मृति, विफलता की स्मृति—ये सब एक छोटी-सी घटना के सहारे आपस में जुड़ जाती हैं; यही प्रभु-प्रकाश है। अगर यह कला की सामग्री है तो मैं सोचता हूँ कि इक्कीसवीं शती में भी कला की सामग्री यही रहेगी।

अनुवाद : उदयन वाजपेयी

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