प्रेमचंद के उद्धरण

आशा निर्बलता से उत्पन्न होती है, पर उसके गर्भ से शक्ति का जन्म होता है।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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