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श्रीलाल शुक्ल के उद्धरण

आपके पास अपनी एक हज़ार मुद्राएँ हैं, आप उसका ग़बन नहीं कर सकते। वे मुद्राएँ आपकी हैं; अतः ग़बन आप नहीं कर सकते। आप उसका अनुचित व्यय कर सकते हैं, पर ग़बन नहीं।