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मनोहर श्याम जोशी के उद्धरण

आप जानते हैं, स्वीकारते हैं निश्वास छोड़कर कि यह मैत्रेयी का बाल-हठ नहीं, तिरिया-हठ नहीं, अस्तित्व-हठ है।