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वासुदेवशरण अग्रवाल के उद्धरण

आनन्द कुमारस्वामी इस अर्द्ध शताब्दी के महान् आचार्यों में से थे। उन्होंने जो ज्ञानधारा बहाई, उसका सलिल हमारे विकसित जीवन के लिए भविष्य में और भी आवश्यक होगा। वे कला को जीवन का अभिन्न अंग मानते थे।