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उद्धरण

उद्धरण श्रेष्ठता का संक्षिप्तिकरण हैं। अपने मूल-प्रभाव में वे किसी रचना के सार-तत्त्व सरीखे हैं। आसान भाषा में कहें तो किसी किताब, रचना, वक्तव्य, लेख, शोध आदि के वे वाक्यांश जो तथ्य या स्मरणीय कथ्य के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं, उद्धरण होते हैं। भाषा के इतिहास में उद्धरण प्रेरणा और साहस प्रदान करने का काम करते आए हैं। वे किसी रचना की देह में चमकती आँखों की तरह हैं, जिन्हें सूक्त-वाक्य या सूक्ति भी कहा जाता है। संप्रेषण और अभिव्यक्ति के नए माध्यमों में इधर बीच उद्धरणों की भरमार है, तथा उनकी प्रासंगिकता और उनका महत्त्व स्थापना और बहस के केंद्र में है।

भारतीय दर्शन, बौद्ध दर्शन और संस्कृत के विद्वान अध्येता। संस्कृत दर्शन साहित्य के अनुवाद में विपुल योगदान।

आधुनिक हिंदी कविता के अग्रणी कवियों में से एक। अपनी कहानियों और डायरी के लिए भी प्रसिद्ध।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से संबद्ध प्रखर पत्रकार, लेखक और सुधारवादी नेता। ‘प्रताप’ पत्रिका का संपादन।

चिली की समादृत कवयित्री, राजनयिक और शिक्षाविद्। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

सिक्खों के दसवें और अंतिम गुरु। 'खालसा पंथ' के संस्थापक। 'चंडी-चरित्र' के रचनाकार।

सिक्ख धर्म के आदिगुरु। भावुक और कोमल हृदय के गृहस्थ संत कवि। सर्वेश्वरवादी दर्शन के पक्षधर।

तेलुगु साहित्य के नवयुग के वैतालिक के रूप में समादृत नाटककार और कवि।

सुप्रसिद्ध अमेरिकी लेखिका, कवयित्री और कला संरक्षक। 'पेरिस सैलून' की मेज़बानी और 'लॉस्ट जेनरेशन' की पहचान के लिए उल्लेखनीय।

अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि। ‘छाया मत छूना’ शीर्षक गीत के लिए चर्चित।

समादृत स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता और समाज सुधारक। महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु।

जनवादी विचारों के चर्चित क्रांतिकारी कवि। भोजपुरी में भी लेखन।