लेख

परंपरागत जल स्रोतों के पुनरुद्धार और जल-संरक्षण के लिए चर्चित। 'आज भी खरे हैं तालाब' प्रसिद्ध कृति। 'गाँधी मार्ग' पत्रिका के संस्थापक-संपादक। गांधीवादी पर्यावरणविद्।

हिंदी-उर्दू के समादृत कवि-गद्यकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी की लेखिका।

वैश्विक साहित्य के सर्वाधिक प्रभावशाली और महान लेखकों में से एक। ‘वार एंड पीस’ और ‘आन्ना कारेनिना’ जैसी कालजयी कृतियों के लिए स्मरणीय।

सुपरिचित लेखिका। सामाजिक कार्यकर्ता। स्त्रीवादी आलोचना में सशक्त हस्तक्षेप।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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