हेरॉल्ड पिंटर की संपूर्ण रचनाएँ
उद्धरण 10

एक लेखक की ज़िंदगी अत्यंत प्रहार्य होती है, लगभग आवरणविहीन गतिविधि। हमें उसको लेकर रोने की ज़रूरत नहीं है। लेखक अपना चुनाव करता है और उस पर टिका रहता है। लेकिन यह कहना सही होगा कि आप सभी तरह की हवाओं के लिए खुले हैं और इनमें से कुछ निश्चय ही बर्फ़ानी होती हैं। आप अपने बूते बाहर निकलते हैं, अपने हाथ-पैरों (लिंब) पर। आपको कोई आड़, कोई सुरक्षा नहीं मिलती-बशर्ते कि आप झूठ बोलें—इस मामले में भी आपने अपनी सुरक्षा स्वयं ही बनाई है और तर्क किया जा सकता है कि इस तरह आप राजनीतिक बन जाते हैं।