1586 - 1643 | जौनपुर, उत्तर प्रदेश
भक्तिकालीन कवि और गद्यकार। हिंदी की पहली आत्मकथा 'अर्द्धकथानक' के लिए स्मरणीय।
भक्तिकालीन कवि और गद्यकार। हिंदी की पहली आत्मकथा 'अर्द्धकथानक' के लिए स्मरणीय।
जश्न-ए-रेख़्ता (2022) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।
फ़्री पास यहाँ से प्राप्त कीजिए