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अजित कुमार

1933 - 2017 | लखनऊ, उत्तर प्रदेश

हिंदी के प्रसिद्ध कवि-लेखक और संपादक। हरिवंश राय बच्चन से निकटता के लिए भी चर्चित

हिंदी के प्रसिद्ध कवि-लेखक और संपादक। हरिवंश राय बच्चन से निकटता के लिए भी चर्चित

अजित कुमार का परिचय

मूल नाम : अजित कुमार

जन्म : 09/06/1933 | लखनऊ, उत्तर प्रदेश

निधन : 17/07/2017 | दिल्ली, दिल्ली

अजित कुमार का जन्म 9 जून 1933 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में एक साहित्यिक परिवार में हुआ। उनका मूल नाम अजित शंकर चौधरी था। उनकी माता सुमित्रा कुमारी सिन्हा लोकप्रिय कवयित्री थीं और पिता एक प्रकाशन संस्थान चलाते थे। ‘तीसरा सप्तक’ में प्रकाशित कीर्ति चौधरी उनकी छोटी बहन थीं। उनकी पत्नी स्नेहमयी चौधरी भी समादृत कवयित्री रही हैं। उनकी आरंभिक शिक्षा कानपुर और लखनऊ से हुई, फिर उच्च शिक्षा के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय गए। अध्यापन की शुरुआत कानपुर के डी.ए.वी कॉलेज से की, बाद में लंबे समय तक दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में अध्यापन किया।   

कविता लेखन की शुरुआत पारिवारिक साहित्यिक माहौल में ही हुई और उनका पहला काव्य-संग्रह ‘अकेले कंठ की पुकार’ 1958 में प्रकाशित हुआ। इसके उपरांत कई अन्य काव्य-संग्रहों और संचयनों का समय-समय पर प्रकाशन होता रहा। कविताओं के अतिरिक्त कहानी, उपन्यास, आलोचना, संस्मरण, यात्रा-वृतांत आदि विधाओं में भी उनका रचनात्मक योगदान रहा है। उनकी विशेष प्रतिष्ठा संचयन-संपादक की रही है जहाँ उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण कृतियाँ तैयार की हैं। 

प्रमुख कृतियाँ

काव्य-संग्रह : अकेले कंठ की पुकार, अंकित होने दो, ये फूल नहीं, घरौंदा, हिरनी के लिए, घोंघे, ऊसर

उपन्यास : छुट्टियाँ

कहानी :  छाता और चारपाई

आलोचना: कविता का जीवित संसार, इधर की हिंदी कविता

यात्रा-वृत्तांत : यहाँ से कहीं भी

ललित गद्य : दिल्ली हमेशा दूर

संस्मरण : दूर वन में, सफ़री झोले में, निकट मन में, अँधेरे में जुगनू, सफ़री झोले में कुछ और, जिनके संग जिया, बच्चन निकट से

संपादन/संचयन : आचार्य रामचंद्र शुक्ल विचारकोश, हिंदी की प्रतिनिधि श्रेष्ठ कविताएँ, आठवें दशक की श्रेष्ठ प्रतिनिधि कविताएँ, बच्चन रचनावली (नौ खंड में), सुमित्राकुमारी सिन्हा रचनावली, बच्चन की आत्मकथा, बच्चन के चुने हुए पत्र, कीर्ति चौधरी की कविताएँ, कीर्ति चौधरी की कहानियाँ, कीर्ति चौधरी की समग्र कविताएँ, नागपूजा और ओंकारनाथ श्रीवास्तव की अन्य कहानियाँ, बच्चन के साथ क्षण भर, दुनिया रंग बिरंगी उनकी कुछ प्रमुख रचनाओं का संचयन ‘अजितकुमार रचना संचयन’ में किया गया है। उन्हें केंद्रीय हिंदी संस्थान के सुब्रह्मण्य भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया।  

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