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हरदोई के रचनाकार

कुल: 7

रसखान

1548 - 1628

कृष्ण-भक्त कवि। भावों की सरस अभिव्यक्ति के लिए ‘रस की खान’ कहे गए। सवैयों के लिए स्मरणीय।

बीसवीं सदी के अंतिम वर्षों में उभरे कवि। कम आयु में दिवंगत।

‘नई कविता’ धारा से संबद्ध कवि और समीक्षक। चित्रकार और पुरातत्त्वविद् के रूप में भी योगदान।

रीतिकाल और आधुनिक काल की संधि रेखा पर स्थित अलक्षित कवि।

रीतिकालीन कवि। देवनदी गंगा की स्तुति में लिखित ग्रंथ 'गंगाभरण' से प्रसिद्ध।

भक्तिकाल के अलक्षित कवि।