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ग़ाज़ीपुर के रचनाकार

कुल: 2

संत यारी के शिष्य और गुलाल साहब और संत जगजीवन के गुरु। सुरत शब्द अभ्यासी सरल चित्त संतकवि।

शिवनारायणी संप्रदाय के प्रवर्तक। वाणियों में स्वावलंबन और स्वानुभूति पर विशेष ज़ोर। भोजपुरी भाषा का सरस प्रयोग।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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