भरतपुर के रचनाकार

कुल: 3

प्रगतिशील कथाकार। कहानी, उपन्यास, नाटक, आलोचना, अनुवाद आदि गद्य विधाओं के साथ-साथ पद्य लेखन में भी प्रवीण। 'मुर्दों का टीला' ख्याति का मूल आधार।

रीतिकाल के आचार्य कवियों में से एक। भरतपुर नरेश प्रतापसिंह के आश्रित। भावुक, सहृदय और विषय को स्पष्ट करने में कुशल कवि।

भरतपुर नरेश सुजानसिंह के आश्रित कवि। काव्य में वर्णन-विस्तार और शब्दनाद के लिए स्मरणीय।

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