महाराष्ट्र के रचनाकार

कुल: 96

नई पीढ़ी की कवयित्री। अनुवाद-कार्य और संगीत से भी संबद्ध।

प्रगतिशील कथाकार। कहानी, उपन्यास, नाटक, आलोचना, अनुवाद आदि गद्य विधाओं के साथ-साथ पद्य लेखन में भी प्रवीण। 'मुर्दों का टीला' ख्याति का मूल आधार।

समादृत गुजराती कवि-लेखक-समालोचक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

गुजराती भाषा के समादृत गीतकार-कवि। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत कवि-कथाकार और पटकथा-लेखक। ‘आधा गाँव’ और ‘टोपी शुक्ला’ सरीखे उपन्यासों के लिए स्मरणीय।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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