स्नेस्वेकतोय
रतिक्रिया करने के लिए आकाश यदि गहरा हो जाए समुद्र की
भांति, तो भी वह नहीं दे पाएगा
अंडा।
एक आदिम तनाव से मुक्ति पाने के लिए बौखलाता समय
कोई भी आकार लेकर गुम हो जाना चाहता है
मुझे
मालूम है
कोई भी वेश्यागृह से बिना थके नहीं
लौट सकता।
तुम्हें
चौंकाने के लिए मेरा एक काला धब्बा बनकर तैर जाना
काफ़ी नहीं रहेगा।
मुझे यह भी मालूम है
कि तुम कभी भी ऐय्याश परंपरा से मुक्ति नहीं
पाना चाहोगे :
कि तुम्हें केवल अपने वीर्य में बहते हुए पिस्सू
लगेंगे निरीह
कि तुम तमाम लोगों की भाँति एक सामान्य चेहरा ओढ़कर
नंगी औरतों की भीड़ के साथ बलात्कार करने के लिए
अपने पुट्ठों पर हाथ मार-मारकर
स्वयं को उत्तेजित करने की चेष्टा करोगे।
कि तुम शताब्दियों तक सोचते रहोगे वेश्याओं और पत्नी के बारे में
पुंसत्व उद्घोषणा के लिए : एक नंगा नाच
होता है मेरे सम्मुख बैडोल परछाइयों का।
एक वीभत्स हास्य मुझे
प्रत्येक मोड़ पर घेर लेता है।
चुपचाप
बौनों लोगों की भीड़ में तुम्हें ढूँढ़ती है एक आँख।
मेरे सम्मुख
हमेशा बौखलाहट और घृणा से थरथराती है एक सफ़ेद
मूर्ति। मेरे कंधों पर निरीहता बनकर चिपक जाता है
एक युवा आकार। तुम्हें किसी भी
तंत्रजाल में बाँध तोड़ देने की कापालिक क्रिया में निमग्न
होने की चेष्टा करने पर
तमाम
तमाम लोग एकत्र हो जाते हैं एक झंडे के नीचे।
व्यतीत शताब्दियों
के तमाम योद्धा झुककर अभिवादन करते हैं।
तमाम
दार्शनिक, तमाम तांत्रिक, तमाम साधक
बुद्ध, नीत्शे, सेनेका, सुकरात की मुद्रा लिए अपनी जिज्ञासाएँ
मुझ पर फेंक देते हैं।
मैं अपनी मुठ्ठी में बंद खिलखिलाहट से उन्हें पागल कर सकती हूँ!
मेरी पुतली में काँपती हुई आग का अक्स उन्हें
तनाव में भरा छोड़ सकता हैं।
मेरी दुबली हथेलियों का प्रहार
उन्हें
सोचने के लिए विवश कर सकता है। वे सब स्तंभित हो
खड़े रहते हैं
लौटने के लिए
भटकने के लिए
लेकिन मेरी मज्जा से चिपका
मेरी शिराओं को कुरेदता
मेरी शिराओं को अशक्त कर देता हे
तुम्हारी मृतक युवती माँ का उदास चेहरा : जो तुम्हें बहुत समय
पश्चात्
मेरे हाथ सौंपकर मुक्त हुई है
प्रेत-योनि से।
मुझे
यात्राओं से बार-बार जो पीछे फेंक कर तुम्हारे बारे में सोचने को
मजबूर करता है
जो मुझे बार-बार तुम्हें क्षमा कर देने के लिए काटता है अपनी
नन्हीं हथेलियों से
जो मुझे उदास कर देता है बार-बार ; वह
शताब्दियों का संताप है
नकारात्मक संज्ञाओं में टूटता हुआ।
तमाम स्थितियों के बावजूद भी एक सही निर्णय के लिए
एक सही पहचान को देखने के लिए
ज़िंदा रहती है एक आँख।
तुम्हारे कपाल पर लगाकर भस्मीभूत चंदन
और तुम्हारे वस्त्रों को बदलकर कौपीन में
कौन तुम्हें पटक देता है आदिवासी नर्क में
कौन तुम्हें बना देता है बुद्ध की झूठी दार्शनिकता का सिक्का।
नीत्शे जन्म लेते ही यदि पागल हो गया होता तो मैं
तुम्हें प्यार से पागल कहने के लिए बदहवास न होती और
तुम्हारे सूखे गालों में अपने बचपन के असंख्य
उदास और अकेले गुलाब न मसल देती। तुम
एक व्यतिक्रम से दूसरे व्यतिक्रम को लाँघते हुए सोचते हो
कि तुमने नाप ली है
नदियों को लंबाई और समुद्र का उथलापन और केरल के धधकते
हत्याकांडों को मुठ्ठी में दबाकर क़ायम कर दिया है पुराना
साम्राज्यवाद!
मुझे कम्युनिस्टों के वक्तव्यों और नीरो के नंगेपन में कोई
अंतर नहीं दिखाई देता।
मैंने हज़ारों वर्षों और शताब्दियों को पार करने के लिए
एक उजबक का चुनाव कर लिया है।
तुम्हारे वनमानुषी हाथों में मसले अनेक
अंडों की जिजीविषा कभी-कभी मुझे उत्तेजित
कर देती है।
मैं तुम्हें चार्ली चैप्लिन या सार्त्र या कामू
किसी का भी सहधर्मी या सहकर्मी समझने से पूर्व सोचती हूँ
और सोचती हूँ
कि एक पाखंड से दूसरे पाखंड में लौटते हुए
एक ग़लती से दूसरी ग़लती को घटाते हुए तुम्हारे विदूषक
चेहरे की वीभत्सता कहाँ छिप जाती है।
अन्यमनस्कता न दंभ होती है न बुद्धिजीवी होने का पर्याय
मात्र होता है एक खोह से दूसरी खोह के कालेपन को छूने का भय।
सही होने पर मैं स्थितियों की सुरंग का दरवाज़ा खोल देती
हूँ। मात्र एक ही व्यस्तता है
प्रतीक्षा की।
दौड़ता हुआ समय बीत जाए। स्थितियाँ हमेशा जड़ होकर न
रुक जाएँ। आइंस्टीन की प्रार्थनाओं से भयंकर विस्फोट होते हैं।
देश की सरहद पर कोई आक्रमण कर देता है।
मेरे लिए विजित होना इतना आसान है जितना कि सेनेका का चुपचाप
अपने चरित्र का पर्याय मान मृत्युदंड का चुनाव कर लेना या
सूरज के डूबने पर सुकरात का अपनी विजय-घोषणा करना।
मृत्यु किसी का वक्षस्थल नहीं है,
नहीं तो अंधी शताब्दी उसे चट्टान बना देती।
रात के साथ उल्लू काँखते हैं।
सुबह तेज़ दौड़ती बस के नीचे कुचल जाती हैं एक लड़की की टाँगे।
तुम्हें हमेशा जेब में दहशत रखे घूमना होगा क्योंकि
तुम अपने पूर्वजों की बदबूदार खजैली कुत्तिया का गला काटने में
हिचकिचाते हो और
बदले हुए झंडे कभी हिचकिचाहट को माफ़ नहीं करते
दोस्त!
- पुस्तक : महाभिनिष्क्रमण (पृष्ठ 49)
- रचनाकार : मोना गुलाटी
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