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वहाँ

vahan

अनुवाद : सुरेश सलिल

छोटे-छोटे पुल हैं; बला के ख़ूबसूरत

मेरा दिल है तुम्हारे लिए धड़कता हुआ

एक उदास औरत है सड़क पर अटकी

एक कुटी है बाग़ में—छोटी-सी; आरामदेह

छह सैनिक हैं मस्ती मारते हुए

मेरी आँखें हैं तुम्हारी छाया तलाशती

पहाड़ी है, पहाड़ी पर एक छोटा-सा मनभावन जंगल है

और...और एक बूढ़ा सुरक्षा गार्ड है

जो हमारे उधर से गुज़रते वक़्त अदबदा कर पेशाब करता है

एक कवि है कमसिन हसीना लू के सपने देखता

एक मारू हसीना लू है पेरिस के उस विशाल शहर में

तोपख़ाना है एक जंगल में

एक गड़रिया है अपनी भेड़ चराता हुआ

मेरी ज़िंदगी है जिसकी लगन तुमसे लगी है

मेरा फ़ाउंटेनपेन है जो ख़ूब-ख़ूब अच्छा चलता है

एक पर्दा है पॉप्लर के नाज़ुक दरख़्तों का

मेरा अतीत है, जो सही मायनों में अतीत है

मेंतों शहर की सँकरी-सँकरी गलियाँ हैं

जहाँ हमने एक-दुसरे को प्यार किया

जो अपने दोस्तों पर भारी पड़ती है

सफ़री झोले में मेरा घोड़े का चाबुक है

रेल की पटरियों पर बेल्जियम के बने डिब्बे हैं

मेरा प्यार है

ज़िंदगी का सब कुछ है

मैं तुम्हें बहुत-बहुत चाहता हूँ।

स्रोत :
  • पुस्तक : रोशनी की खिड़कियाँ (पृष्ठ 68)
  • रचनाकार : गिय्योम अपॉलिनेयर
  • प्रकाशन : मेधा बुक्स
  • संस्करण : 2003

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