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उधार की चीज़ें

udhaar ki chizen

प्रतिभा कटियार

अन्य

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प्रतिभा कटियार

उधार की चीज़ें

प्रतिभा कटियार

और अधिकप्रतिभा कटियार

    हालाँकि लौटाए जाने पर

    सब कुछ लौटता नहीं फिर भी

    उधार की चीज़ें लौटाया जाना ज़रूरी है

    नहीं लौटता वो रिश्ता

    जो चीज़ों की उधारी के दरमियान

    क़ायम हो जाता है

    हमारी ज़रूरतों से

    पढ़ी हुई किताबों के लौटाए जाने पर

    नहीं लौटते पढ़े हुए क़िस्से

    किताब के पन्नों पर चिपकी,

    मुड़ी ठहरी हमारी नज़र

    हमारी उँगलियों की छुअन

    देर तक उसका सीने पे पड़े रहना

    किताब के पन्नों में भर गई हमारी ठंडी साँसें

    माँगी गई स्कूटर लौटाए जाने पर

    वापस नहीं लौटता वो सफ़र

    जो उधारी के दौरान तय किया गया हो

    उधार के स्कूटर पर बैठकर मिलने जाना महबूबा से

    उसका सहमकर बैठना पीछे वाली सीट पर

    रास्ते में सफ़र के दौरान उग आए नन्हे स्पर्श

    और रक्ताभ चेहरा, सनसनाहट

    नहीं लौटती स्कूटर लौटाने के साथ

    महँगे चाय के कप लौट जाते हैं पड़ोसियों के

    लेकिन नहीं लौटती उन कपों को ट्रे में रखकर

    लड़केवालों के सामने ले जाने की पीड़ा

    और भीतर ही भीतर टूटना कुछ बेआवाज़

    लौटाए गए म्यूजिक एलबम के साथ

    नहीं लौटता उम्र भर का वो रिश्ता

    जो सुनने के दौरान कायम हुआ

    उस संगीत से

    लौटाए जाने पर नहीं लौटते वो आँसू

    जो उधार के सुख से जन्मे थे

    फिर भी उधार ली हुई चीज़ों का

    लौटाया जाना ज़रूरी है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : प्रतिभा कटियार
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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