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स्मृति गीत वियोलेता पार्रा के लिए (1917-1967)

smriti geet viyoleta parra ke liye (1917 1967)

अनुवाद : सईद शेख़

माक्ती रोस्सी

माक्ती रोस्सी

स्मृति गीत वियोलेता पार्रा के लिए (1917-1967)

माक्ती रोस्सी

और अधिकमाक्ती रोस्सी

    नया दिन, ताज्जुब है।

    इतना जीवन बीत गया है,

    फिर भी सामने है एक और दिन।

    शुक्रिया, समय। तुमने बहुत कुछ दिया।

    बहुत कुछ बिना दिया छोड़ दिया।

    बहुत कुछ लिया और बर्बाद किया।

    अभी भी दिन प्रबुद्ध होने के लिए

    निश्चित ही इसके लिए प्रयत्न हुए हैं।

    बदली, सघन अँधकार

    बर्फ़हीन, प्रकाशहीन, संक्षिप्त,

    कडुवे समय की खड़खड़ाहट,

    यात्रा, फटे चीथड़े के बराबर,

    जल्दी ही दौड़ चुका, तपाक! जी लिया गया,

    फिर भी दिन, गर्मी का रिश्तेदार,

    बिजली अपार रात्रि में

    क्षण का क्रोध और गरज,

    दिन, अग्नि हथेली पर,

    जीवन का रंगीन दर्द।

    दिन, मध्य में

    प्रकाश में है आधा जाड़ा

    काम छूटा बीच में। ठहरो! ठहरो!

    मैंने क्या कहा? प्रणाम

    छाया के स्तंभ हैं ठंडी हवाओं के बीच।

    हवा नृत्य करती लहरों पर

    पानी ले जाता है किताबों के चित्रों में,

    रेत चिह्न गुज़रते लोगों के

    चट्टानें कहानी प्रस्तुतों की।

    स्रोत :
    • पुस्तक : दरवाज़े में कोई चाबी नहीं (पृष्ठ 211)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : माक्ती रोस्सी
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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