Font by Mehr Nastaliq Web

‘स’ से सब कुछ होता है

‘sa’ se sab kuch hota hai

श्रेया शिवमूर्ति

श्रेया शिवमूर्ति

‘स’ से सब कुछ होता है

श्रेया शिवमूर्ति

और अधिकश्रेया शिवमूर्ति

    ‘स’ से कितने शब्द हैं

    जैसे सरलता-सहजता

    स्वाभिमान और सम्मान

    सद्भावना और सहिष्णुता

    ‘स’ से संस्कार भी होता है

    ‘स’ से सज्जनता भी होती है

    ‘स’ से संभाव्यता है जीवन में

    ‘स’ से सकारात्मकता आती है

    ‘स’ से सब सामान होना चाहते हैं

    ‘स’ से साकार होने को हैं सहस्त्र सपने

    ‘स’ से संभव होना चाहती हैं समस्त संकल्पनाएँ

    ‘स’ से संघर्ष को कोई अपनाना नहीं चाहता

    ‘स’ से सफल होने को सारा जीवन समर्पित करने को उद्धत हैं

    ‘स’ से सभ्यताएँ परंपराओं की समाधी पर नत-मस्तक हैं

    ‘स’ से सकल संसार विकल है सब कुछ पाने को

    ‘स’ से सिद्धाँत भी होता है

    जो ‘स’ से सिर उठाकर जीने को कहता है

    ‘स’ से समय होता है, जिसके खोने पर हर कोई रोता है

    ‘स’ से संकट को संदेशा भेजना है

    ‘स’ से संदेहों के सागर को समेटना है

    ‘स’ से सवेरा भी होता है

    जिसके आने से अँधेरा सोता है

    ‘स’ से सादगी

    ‘स’ से ही संभव है सामंजस्यता

    ‘स’ से सफ़र भी होता है

    और ‘स’ से सफ़र के संकट भी

    ‘स’ से सदृदयता के साथ समर्पण हो तो

    सारे कार्य ‘स’ से सकुशल संपन्न हो जाता है

    ‘स’ से सुनने वाले श्रोता भी और ‘स’ से पढ़ने वाली श्रेया भी

    स्रोत :
    • रचनाकार : श्रेया शिवमूर्ति
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY