Font by Mehr Nastaliq Web

प्रेतयोनि

pretayoni

हरिओम राजोरिया

हरिओम राजोरिया

प्रेतयोनि

हरिओम राजोरिया

और अधिकहरिओम राजोरिया

    सच-सच होतीं अगर

    गरुड़-पुराण की बातें

    और होती कोई प्रेतयोनि

    तो स्वर्ग चाहते हुए

    चला जाता मैं प्रेतयोनि में

    बन जाता कहीं प्रेत

    सड़क वाली इमली पर

    डालता अपना डेरा

    और हज़ारों सालों तक

    टस से मस नहीं होता

    इमली की पोलों में ही पड़ा रहता

    देखता कि ढोर-डंगर

    इमली के तने से

    रगड़ते हैं जब शरीर

    कैसा लगता है तब

    सारा दिन कहाँ छिपा रहता है उल्लू

    तोती रखती है कहाँ अँडे

    छिपकली, कठफोड़वे

    गिरगिट के बच्चों के साथ

    बिताता कुछ साल

    दस-बीस साल यो ही लटका रहता

    चमगादड़ों के साथ

    पता लगाता

    गिद्ध कैसे देख पाते हैं

    इतनी-इतनी दूर

    दो-पाँच साल भागता गिद्धों के पीछे

    इमली के चोइयों पर बैठ

    गुजरता इमली बनने की प्रक्रिया से

    मेरे रहते-रहते बिजलीघर वाले

    नहीं काट पाते

    इमली की कोई डाल

    रात-रात भर जागकर

    करता-रहता रखवाली

    और इमली से चिपटकर ही

    गुज़ार देता सैंकड़ों साल।

    स्रोत :
    • रचनाकार : हरिओम राजोरिया
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY