पिता-तीन

pita teen

यतीश कुमार

यतीश कुमार

पिता-तीन

यतीश कुमार

और अधिकयतीश कुमार

    कंधा सरकता है बच्चे की ओर

    जिसका सिर नींद में ऊँघता है

    फिर वो बच्चा

    और गहरी नींद लेता है

    हाथ-हाथ को ढूँढ़ता है

    मिलता है

    फिर उस पर उठकर रुक जाता है

    जकड़ लेता है आलिंगन में

    मेले में खोया बच्चा

    बस, अबाध ताकता है

    नज़रें हमेशा सख़्त होती हैं

    हर क़दम, हर हरकत पर निगहबान

    दायरे में रखती हैं

    घर के बाहर रहकर भी

    लक्ष्मण रेखा पर टिकी

    दहलीज़ पर रख छोड़ती हैं दो आँखें

    हथेली

    नन्ही अँजुरी को ढाँपती है

    बेटी तन्हाई को अपना साथी बनाती है

    किसी कोने को पकड़ना चाहती है

    फिर रुक जाती है

    किसी के स्पर्श की गर्माहट काम आती है

    क़दम साथ चलते हैं

    काँटे बुनते,रास्ता दिखाते

    उन्हीं क़दमों के नक्श में

    रेत पर, बर्फ़ में सँभलकर

    नन्हे-नन्हे क़दम भी चलते हैं

    दृश्यों से परे

    एक और समानांतर दृश्य में

    जिसमें पिता नदारद हैं

    स्रोत :
    • रचनाकार : यतीश कुमार
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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