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नित्ते दिन अजानक बाद

nitte din ajanak baad

मुख्तार आलम

अन्य

अन्य

मुख्तार आलम

नित्ते दिन अजानक बाद

मुख्तार आलम

और अधिकमुख्तार आलम

    फजीर केर अजान भेलाक बाद

    सोमनी धियापुताक संग

    चलि आबय दोकानपर

    कियो भट्टी पजारै

    कियो चिक्कस सानै

    कियो गुलगुल्ला छानै

    कियो चाह खदकाबै

    ता धरिमे लोक सभ

    नेमाज पढ़िकेँ

    महजिदसँ आबि जाइ

    सोमनीक दोकानपर

    चारिटा गुलगुल्ला

    एक कुलफी चाह बान्हल छल

    दू टाकामे

    ताबत हमहुँ पहुँचि जाइत रही

    भोरे-भोर

    एकटा फाटल चद्दरिक गाँती बान्हने

    अपन छातीसँ साटने

    तीन चारिटा पोथीक संग

    एकटा प्लास्टिकक बोरा

    जाहिपर बैसिकेँ पढ़ैत रही

    हमहुँ एक टाकामे

    चारिटा गुलगुल्ला लए कए

    खेने चल जाइत रही कोचिंग

    यैह छल सोमनीक

    हमर सभ दिनुका रूटीन

    आजुक सोमनीक धियापुताक जिनगी

    दोकान धरि सिमटिकेँ रहि गेल अछि

    कहियो नहि देखलक इस्कूलक मुँह

    हाथ तरसिकेँ रहि गेल छूअक लेल

    कलम, कोपी, किताब

    आब सोमनी नहि अछि

    एहि संसारमे

    मुदा ओकर धियापुताक छैक

    चारिटा चाह गुलगुल्लाक दोकान

    ओकर जिनगी

    चाह बेचैत

    अइँठ छुबैत

    खपि रहल छैक

    अभावमे

    कियो नहि छथि

    ओकर भाग्यविधाता

    कतेक व्याधिक जीवाणु

    बेध रहल छैक

    ओकर देह नित्ते दिन

    से के कहय?

    स्रोत :
    • पुस्तक : परिचय बनैत शब्द (पृष्ठ 13)
    • रचनाकार : मुख्तार आलम
    • प्रकाशन : मुख्तार आलम
    • संस्करण : 2021

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