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नीली आँखों वाला देव और ठिगनी औरत

nili ankhon vala dev aur thigni aurat

अनुवाद : सुरेश सलिल

नाज़िम हिकमत

अन्य

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नाज़िम हिकमत

नीली आँखों वाला देव और ठिगनी औरत

नाज़िम हिकमत

और अधिकनाज़िम हिकमत

    नीली आँखों वाला एक देव

    इश्क़ करता था एक ठिगनी औरत से,

    उस ठिगनी औरत की सनक था एक छोटा-सा

    साथ में एक बग़ीचा

    चितकबरी पत्तियों वाली

    गुलकबूतर की बेलों से लदा।

    वह देवों की तरह इश्क़ करता था

    उसके हाथ इतने बड़े-बड़े कामों को अंजाम दे चुके थे

    कि नाकामयाब रहा वह एक छोटा-सा घर बना पाने में—

    चितकारी पत्तियों वाली गुलकबूतर की बेल और बग़ीचे वाले

    उस घर के बुद्दे-बुद्दे दरवाज़ों पर

    दस्तक वह दे नहीं पाया।

    नीली आँखों वाला देव

    इश्क़ करता था एक छोटी और ठिगनी औरत से

    जो छोटे-छोटे दिखावों का जिस्म थी।

    ऐशो-नशात के लिए छटपटाते हुए

    देव की ख़ातिर वह ख़ुद को खपाती रही,

    लेकिन एक रोज़ वह देव को अलविदा कह

    चली गई एक ज़रदार बौने के पहलू में

    जिसके पास एक घर था

    बग़ीचेदार—

    चितकबरी पत्तियों वाली

    गुलकबूतर की बेलों से लदा।

    और अब देव की समझ में अच्छी तरह गया है

    कि चितकबरी पत्तियों वाली गुलकबूतर की बेल से लदे

    बग़ीचे वाला घर

    एक देव की माशूक़ा को

    क़ब्र का सुकून भी नहीं दे पाएगा।

    स्रोत :
    • पुस्तक : देखेंगे उजले दिन (पृष्ठ 42)
    • रचनाकार : नाज़िम हिकमत
    • प्रकाशन : मेघा बुक्स
    • संस्करण : 2003

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