मस्कट जाने वाला
वह मस्कट जा रहा है
मुझसे बड़ी भव्य विदा लेने आया
वह अब कहीं नहीं रहेगा
ज़्यादा खुले और रंगीन जीवन के लिए
किसी भी दिन मस्कट छोड़ देगा
इसलिए उसने बताया कि वह आख़िरकार
कहाँ होगा पता नहीं।
पर उसने कभी सपने
में भी नहीं सोचा था
कि शुरुआत अरब कंट्रीज़ से होगी।
उसके चेहरे पर सजीली मुस्कान
और मूँछें इस प्रकार हैं कि वह
मस्कट जा रहा है
कसा हुआ शरीर दिखाते हुए उसने कहा,
यह समय कुछ कर दिखाने का है।
वह परिवार को बाद में ले जाएगा
उसकी पत्नी के चेहरे पर इसलिए
दमक और हँसी की धन्य लाली है।
वह मस्कट जा रहा है
मैंने कहा आजकल संसार में बहुत
सफलताएँ हैं
उनकी फ़सलें कट-कट कर गिर वहाँ रही हैं
जहाँ से आप चिट्ठी ज़रूर लिखना।
वह बोला
वहाँ की चिट्ठी हवाई जहाज़ से आएगी।
उसकी मुस्कान ने
जीवन में पिछड़े हुए लोगों को
मानो खेद भरा नमस्कार किया।
इतनी बड़ी विदा के बाद
वह उतनी दूर मस्कट गया।
- पुस्तक : नींद से लंबी रात (पृष्ठ 44)
- रचनाकार : नवीन सागर
- प्रकाशन : आधार प्रकाशन
- संस्करण : 1996
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