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नर्तक

nartak

अनुवाद : दिनेश चमोला

भुटलिं: छिले:

और अधिकभुटलिं: छिले:

    मैं नाचता हूँ

    रोटी और कपड़े के लिए

    हँसी चाहने पर भी

    मैं चिल्लाता हूँ

    अभिनय के मानदंड पर

    उदास होकर भी

    हँसता हूँ निर्देशानुसार

    कभी-कभी

    मैं प्रेम का बहाना करता हूँ

    एक ऐसे व्यक्ति से

    जिसकी मैं परवाह नहीं करता

    या कि नफ़रत करता हूँ

    क्योंकि उसे मैं चाहता हूँ

    चाहे उसमें मेरा मन नहीं होता

    नाट्य निर्देशकों की ख़ुशी के लिए

    मैं अभिनय करता हूँ

    वे नहीं जान सकेंगे

    कि उनकी अनुपस्थिति में

    कैसे चिल्लाता हूँ मैं

    क्या है पदच्युत होना

    क्या यही है इंद्रजाल

    क्या प्रेक्षकों को प्रसन्न करना ही है कला?

    मैं तो नाचता हूँ

    बस अपने लिए

    रोटी और कपड़े के लिए

    स्रोत :
    • पुस्तक : समकालीन बर्मी कविताएँ (पृष्ठ 105)
    • संपादक : चन्द्र प्रकाश प्रभाकर 'मौतीरि'
    • रचनाकार : भुटलिं: छिले:
    • प्रकाशन : इरावदी प्रकाशन, नई दिल्ली
    • संस्करण : 1994

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