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मातृभूमि वंदना

matribhumi vandna

हरिमोहन झा

अन्य

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हरिमोहन झा

मातृभूमि वंदना

हरिमोहन झा

और अधिकहरिमोहन झा

    जग मे देश महान हमर

    धरणी स्वर्ग समान हमर।

    उन्नत मस्तक गौरव प्रतीक

    सर्वोच्च हिमालय केर शिखर

    कैलास सँ लय कन्या कुमारि

    छथि पावन तीर्थस्थान हमर।

    गंगा यमुना नर्मदा सिंधु

    गोदावरीक धारा सुंदर

    कृष्णा कावेरी ब्रह्मपुत्र

    सिंचन करैत छथि प्राण हमर।

    दक्षिण पश्चिम पूर्वांचल

    लहराइत छथि उच्छल सागर

    बंगोत्कल सौं लय केरल धरि

    कदलीक पत्र सन छथि हरियर

    अगणित सरवर मनहर पुष्कर

    निर्झर प्रकृतिक वरदान हमर।

    एहिठाम जनक याज्ञवल्क्य

    गौतम कणाद जैमिनि शंकर

    एत्तहि प्रकटित भेल सांख्य और

    गीता दर्शन सन ज्ञान हमर।

    एत्तहि भेला श्री राम कृष्ण

    अवतारी पुरुष महान हमर

    जनक नन्दिनी सीता सन

    कन्या थिकीह अवदान हमर।

    कोमल पदावली सरस मधुर

    विद्यापति कवि केर गान हमर

    मैत्री करुणा संदेश देलन्हि

    सिद्धार्थ बुद्ध मुनि तीर्थंकर

    तुलसी कबीर नानक मीरा

    गाँधीजी जिनकर नाम अमर

    राष्ट्रपिता, विश्वबंधु

    मानवता केर अभिमान हमर।

    स्रोत :
    • पुस्तक : हरिमोहन झा रचनावली खण्ड-4 (पृष्ठ 92)
    • रचनाकार : हरिमोहन झा
    • प्रकाशन : जनसीदन प्रकाशन
    • संस्करण : 1999

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