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मेरी खिड़की के बाहर मिनीस्कर्ट में बाइबिल पढ़ती एक लड़की

meri khiDki ke bahar miniskart mein baibil paDhti ek laDki

अनुवाद : सरिता शर्मा

चार्ल्स बुकोवस्की

चार्ल्स बुकोवस्की

मेरी खिड़की के बाहर मिनीस्कर्ट में बाइबिल पढ़ती एक लड़की

चार्ल्स बुकोवस्की

और अधिकचार्ल्स बुकोवस्की

    इतवार का दिन है, मैं खा रहा हूँ चकोतरा

    रूस में चर्च ख़त्म हो गया है

    पश्चिम जिसे रुढ़िवादी समझता है।

    वह साँवली और

    पूर्वी मूल की लड़की,

    बड़ी भूरी आँखें बाइबिल से उठाती

    फिर गिराती। एक छोटी लाल और काली

    बाइबिल और जब वह पढ़ती है

    उसके पैर हिलते हैं, हिलते रहते हैं

    धीमा लयबद्ध नृत्य कर रही हो जैसे

    बाइबिल पढ़ते हुए।

    सोने की लंबी बालियाँ :

    बाजुओं में सोने का एक-एक कंगन,

    और मुझे लगता है मिनी सूट पहना है

    कपड़ा लिपटा है उसके शरीर से,

    मुलायम चमड़े के उस लिबास को

    वह घुमाती है इधर-उधर

    सेंकती है लंबी गोरी टाँगों को धूप में।

    उससे बच कर भाग नहीं सकता हूँ

    मैं चाहता भी नहीं हूँ ऐसा करना।

    मेरे रेडियो में बज रहा है सिंफनी संगीत

    सुन नहीं सकती जिसे वह

    लेकिन उसकी हलचल एकदम मेल खाती है

    सिंफनी

    की लय से

    वह साँवली है, वह साँवली है

    भगवान के बारे में पढ़ रही है वह।

    मैं भगवान हूँ।

    उसके लिए कुछ नहीं किया जा सकता है

    दिल में एक ऐसी जगह है

    कभी नहीं भर पाएगी

    एक ख़ालीपन

    और सबसे सुंदर पलों

    और सुखी समय में

    हमें इसका अहसास होगा।

    हमें महसूस होगा

    पहले से कहीं ज़्यादा

    कि दिल में है एक जगह

    जिसे कभी भरा नहीं जा सकेगा

    और

    हम करेंगे

    इंतज़ार

    अनवरत

    उस जगह के

    ख़ालीपन में।

    स्रोत :
    • पुस्तक : विश्व की श्रेष्ठ कविताएँ (पृष्ठ 74)
    • रचनाकार : चार्ल्स बुकोवस्की
    • प्रकाशन : इंडिया टेलिंग
    • संस्करण : 2020

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