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मेरा दोस्त अजनबी है जिसे मैं नही जानता हूँ

mera dost ajnabi hai jise main nahi janta hoon

अनुवाद : सरिता शर्मा

पार लागेरक्विस्ट

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मेरा दोस्त अजनबी है जिसे मैं नही जानता हूँ

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    मेरा दोस्त अजनबी है जिसे मैं नहीं जानता हूँ।

    दूर बहुत दूर एक अजनबी,

    उसके लिए मेरा दिल बेचैनी से भरा है

    क्योंकि वह मेरे साथ नहीं है।

    क्योंकि शायद, उसका अस्तित्व ही नहीं है।

    तुम कौन हो जो अपनी अनुपस्थिति से मेरा दिल भर देते हो?

    जो पूरी दुनिया को अपनी अनुपस्थिति से भर देते हो?

    तुम जो मौजूद थे, पहाड़ों और बादलों से पहले,

    समुद्र और हवाओं से पहले।

    तुम जिसकी शुरुआत सब चीज़ों की शुरुआत से पहले है,

    और जिसकी ख़ुशी और ग़म सितारों से ज़्यादा पुराने हैं।

    तुम जो अनंत काल से सितारों की आकाशगंगा

    और उनके बीच के घोर अँधेरे से होते हुए

    घूमे हो।

    तुम जो अकेलेपन से पहले अकेले थे,

    और कोई मानव हृदय मुझे भुलाए,

    उससे पहले से जिसका दिल बेचैनी से भरा था।

    पर तुम मुझे कैसे याद कर सकते हो?

    भला समुद्र भी सीप को याद करता है?

    एक बार उमड़ जाने के बाद।

    स्रोत :
    • पुस्तक : विश्व की श्रेष्ठ कविताएँ (पृष्ठ 52)
    • रचनाकार : पार लागेरक्विस्ट
    • प्रकाशन : इंडिया टेलिंग
    • संस्करण : 2020

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