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मानव शरीर

manav sharir

अनुवाद : सुरेश सलिल

येहूदा आमिखाई

येहूदा आमिखाई

मानव शरीर

येहूदा आमिखाई

और अधिकयेहूदा आमिखाई

    शरीर हरेक मनुष्य के अलग-अलग होते हैं

    किंतु उसकी आत्माएँ एक जैसी, शानदार रूप से उपयोगी,

    जैसे कि हवाई अड्डे।

    मुझे अपनी आत्मा दो, अपना शरीर दो

    जिसे मैं कभी नहीं जान पाऊँगा,

    मुझे पात्र दो, कि उसमें की वस्तु।

    हवाई अड्डों पर मेरे साथ खड़े होकर देखो,

    वहाँ बिछुड़ने की वेदना ख़ूबसूरत शब्दों में लपेटी हुई है

    यतीमों की भाँति,

    जहाँ खाने-पीने की चीज़ें ज़्यादा महँगी हैं

    जबकि लोग और उनकी नियतियाँ सस्ती,

    एक आदमी टेलिफून पर बात करता है

    और उसका मुँह रिसीवर के रास्ते व्यथा और अनुराग को पीता है।

    यहाँ तक कि रोते हुए आदमी के हाथ भी

    नववधुओं के हाथों जैसे पाक-साफ़ हैं

    बाँहें आलिंगन के हौसले से शून्य,

    ये लोग क्या करेंगे दुनिया में रहकर?

    मेरी आत्मा को मेरे शरीर के साथ ही समाप्त हो जाने दो।

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 381)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : येहूदा आमिखाई
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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