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पराजित चिलीक वेदना

parajit chilik vedna

महाप्रकाश

अन्य

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महाप्रकाश

पराजित चिलीक वेदना

महाप्रकाश

और अधिकमहाप्रकाश

    सैनिक! संगीन सँ तों सीबिये दैह हमरा सभक ठोर

    छाती पर कदबाहि क’ दैह अपन भारी बूट सँ

    पाब्लो नेरूदाक कविता तों नहि बेचि सकबह

    उड़ाइये दैह मशीनगन सँ हमरा सभक भूगोल

    हमर आकाश तों नहि बेढ़ि सकबह

    मुक्ते रहत

    इतिहासक पन्ना पर हम कहियो

    तोहर भाषा मे नहि करब गप्प

    तोहर भाषा जकाँ रंग नहि बदलत

    हमर भाषा हमर शोणित

    पाब्लोक कविताक लाली

    कागतक लाली नहि छैक

    जिनगी संघर्षक लाली छैक

    प्रतिरक्षा मे उठल एलेंदेक हाथ मे

    लातिनी मसीहा कास्त्रोक मशीनगन

    अकस्मात ईश्वर जकाँ चुप्प भ’ जाइक

    किन्तु प्रत्येक जंगल मे गुड़रैत

    चेग्वारा पाब्लोक आवाज

    तोहर लौहजाल सँ फराक मुक्ते रहत…।

    स्रोत :
    • पुस्तक : संग समय के (पृष्ठ 73)
    • रचनाकार : महाप्रकाश
    • प्रकाशन : अंतिका प्रकाशन
    • संस्करण : 2007

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