Font by Mehr Nastaliq Web

मैंने महसूस किया

mainne mahsus kiya

संदीप तोमर

अन्य

अन्य

संदीप तोमर

मैंने महसूस किया

संदीप तोमर

और अधिकसंदीप तोमर

    मैंने महसूस किया

    कि बेतरीन पोशाक

    नयनसुख होने के पक्ष में

    एक बेहतरीन खेल है

    उस छरहरे बदन की

    सोढ्सी के बगल में बैठकर

    मुझे लगा कि मोहब्बत

    और नसाफत जहाँ

    कामियाब है और

    शब्दों की चासनी

    एक मिमियाते मेमने के

    मासूम चेहरे में 

    बदल गई है मेरी संवेदना

    वक़्त के हसीं सपने

    दिखा देने के लिए सिर्फ़

    लच्छेदार-मिठास-अट्ठाहस ही

    काफ़ी नहीं है

    जबकि हमारा स्वाद

    पंच सितारा के दमकते जाम

    का आदी हो गया है और दिन ही

    अब उजाले का पर्याय नहीं होता

    हमारे अहसास पल रहे हैं

    रेस्ट्रा की भीनी गंध से सनी

    प्लेट में

    उस छरहरे बदन वाली सोढ्सी की

    बगल में बैठकर

    मैंने महसूस किया कि प्रेम

    आलीशान होटल की सुविधा का

    उपभोग करता है

    जिसमे झूठ-फ़रेब-लानत सब

    जायज़ है

    यह सामियाने का रेशमी तिरपाल है

    यानि रुपहला सपना

    जिसने मुझे आधुनिक होने को

    मज़बूर कर दिया है

    इस वक़्त ये सोचना कितना दिलचस्प है

    कि मेरे साथ की टेबल पर बैठा

    अधेड़ कैसे उत्तजना से भर गया है

    उसे स्खलन का डर सता रहा है

    मेरे हाथ सोढ्सी की जाँघो पर

    घूम रहे हैं अंतहीन यात्रा के लिए

    उसकी आँखें वासना में डूबी हैं

    अधखिली कली के यौवन सी

    उसके वक्ष की गति लयबद्ध है

    और साँसे उखड रही हैं

    उस सोढ्सी के बगल में बैठकर

    मुझे लगा कि हाँफते हुए

    वक्ष के कम्पन्न सुनना

    कामुकता नहीं इन्सान की नज़ाकत है

    और मेरे भीतर एक शातिर

    वहसियाना दिमाग़ है जो

    उकसाता है उस

    सोढ्सी के बटन खोलने को

    स्रोत :
    • रचनाकार : संदीप तोमर
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY