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क्रांति के बिंब

kranti ke bimb

नवारुण भट्टाचार्य

अन्य

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नवारुण भट्टाचार्य

क्रांति के बिंब

नवारुण भट्टाचार्य

और अधिकनवारुण भट्टाचार्य

    कई एक कवि बिना पैसे के डॉक्टरी कर रहे हैं

    चाँद पर छलाँग लगाने से पहले ही प्रेमी गिरफ़्तार

    पुलिस गाड़ियाँ चौबीस घंटे के भीतर

    स्कूल की बसें बना दी जाएँगी

    आधी रात को जनविरोधी पार्टियों की लाइन

    उखाड़ फेंकी जा रही है

    लेटरबॉक्स में चिड़ियों के घोंसला बनाने से

    काम ठप

    किसी सिद्धांतकार ने एक्वेरियम में बिल्ली पाली है

    रेडियो कोई बजाता नहीं क्योंकि नेताओं के भाषण सुनना

    अच्छा नहीं लग रहा है

    बहस हो रही है पौधों और नन्हीं मछलियों पर

    उदास संगीत के प्रभाव को लेकर

    अब से आँसुओं से ही चलेंगी मोटरगाड़ियाँ

    श्रमिकों का अभिनय करने वाले श्रमिकों के हाथों परेशान

    कौन कहेगा समस्याएँ नहीं हैं हमारी इस नई व्यवस्था में

    क्या ऐसा ही लगता है समाचार सुनने के बाद?

    स्रोत :
    • पुस्तक : यह मृत्यु उपत्यका नहीं है मेरा देश (पृष्ठ 59)
    • रचनाकार : नवारुण भट्टाचार्य
    • प्रकाशन : राधाकृष्ण प्रकाशन
    • संस्करण : 1985

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