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ईश्वर क्या है?

iishvar kya hai?

अनुवाद : गिरधर राठी

डैनियल वाएसबोर्ट

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ईश्वर क्या है?

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    ईश्वर क्या कोई गोरा पुरुष है, या काला पुरुष, या पीला पुरुष?

    ईश्वर क्या स्त्री है?

    या वह इन दो प्रजातियों

    और सभी नस्लों का कोई सम्मिश्रण है?

    तब फिर ये जीव-जंतु?

    और वही क्यों, ये पेड़-पौधे?

    वह क्या उन सब का भी सम्मिश्रण है?

    या वह महज़ एक धारणा है :

    हाँ यह बात अधिक जँचती है

    पर है अगर धारणा तो ऐसी जो धारणा हुई हमसे।

    यानी कि हमसे, मनुष्यों से।

    तब इसे दूसरे जीवों पर आरोपित कैसे करें।

    या कि कर सकते हैं?

    पर अगर उनकी सोच के तरीक़े कुछ और ही हों?

    पर अगर उनका अस्तित्व मात्र सोच ही हो एक क़िस्म की

    ईश्वर शायद सर्वस्व मात्र है।

    हम और वे और यह समस्त

    जिससे बना ये जगत् और सब दूसरे जगत्

    और हर चीज़, देश और काल।

    ईश्वर तब केवल जो है सो है।

    पर जो नहीं है, उसका क्या हो?

    ख़ैर, यह ज़ाहिर है, सो भी वही है।

    तब क्या वह वह भी है जो ईश्वर नहीं है?

    हाँ, वह भी।

    तब फिर प्रयोजन क्या?

    निरा गड़बड़झाला है, असहाय,

    और ख़ुद हमारी विलक्षण बुद्धि-क्रीड़ा है,

    जो हमें बोलने दे देती है परस्पर,

    और जो कारक है उस अकूत क्लेश की भी

    मत-भिन्नता से जो पैदा हो जाता है।

    चूँकि हमें भूख है प्रयोजनपरकता की

    इसलिए हम मान लेते हैं कोई

    तर्कनिष्ठ शक्ति है जो हमें दिशा देती है,

    लेकिन हो गई है चूक कहीं, जिससे

    हम नहीं बना पाए धरती पर एक युक्ति-सम्मत अधिराज

    पर क्या यह मूढ़ता नहीं है कि हम

    दोष दें ख़ुद को, या उसे जिसने हमको बनाया है।

    बेशक यह संभव है ईश्वर हो।

    और वह शायद धवल-श्मश्रु नर हो,

    या शायद दीर्घकेश नारी हो,

    या उभयलिंगी हो, जैसा कि ईसा

    जो पहनता हो लंबे लबादे।

    या वह कोई पेड़ हो सकता है

    या वह विशाल मेघ जैसा हो सकता है।

    और हम अपने पूजाघरों में जिसे पूजते हैं

    शायद वह लगभग वही है।

    तब तो सिर्फ़ यह है कि

    हम ईश्वर की अपनी भिन्न-भिन्न प्रतिमाएँ

    एकत्र कर लें तो हमको मिल जाएगी

    एक विश्व-प्रतिमा-ब्रह्म।

    चुनाँचे, शायद, मानव की चेतना सामूहिक रूप से सर्वोच्च ही है

    और हालाँकि मुझे कोई अन्य सूझता नहीं है

    पर इस निष्कर्ष से मैं ऊब-ऊब जाता हूँ।

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 227)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : डैनियल वाएसबोर्ट
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2017
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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