Font by Mehr Nastaliq Web

हारि गये परधानी

hari gaye pardhani

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

हारि गये परधानी

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

और अधिकजगजीवन मिश्र ‘जीवन’

    फलाने हारि गये परधानी, फलाने हारि गये परधानी

    कहइ मेहेरिया अब का करिहौ हमरे दिलबर जानी

    फलाने हारि गये परधानी...

    रासन पेन्सन केरोसिन कालोनि’म भई खवाई

    रोजगार सेवक यह खेती आधेप लिहिसि बटाई

    नाली सरिया गिट्टी खाइनि औरु खड़न्जा खाइनि

    बर्तन भड़वा गैस वजीफा मिड्डे मील चबाइनि

    औरु नरेगा के तलवन का पेइ गये सबु पानी

    फलाने हारि गये परधानी...

    हर दुइ नम्बर के धन्धा मा इनकी ठेकेदारी

    थाना औरु बिलाक कचेहरि’म चमकइ थानेदारी

    दारु अण्डा मीट उड़ावइँ चौपहिया झ्वाँकइँ

    करइ सिकाइति कोई निकरइ तउ राहइ मा रवाँकइँ

    औरु बोलावइँ रोजु बिटेउनी एक से एक जवानी

    फलाने हारि गये परधानी...

    फिरते नम्बरु हइ चुनाव का पाँइ छुवउअरि चालू

    कोइ’कि घर नलु ईंटा पहुँचइ कोइ’कि घर का बालू

    खाना पीना हुवइँ सूतइँ खर्च’कि रुपया लीन्हिनि

    दूरि रहँइ तइ दूरि रहे कुछु अपनेउ ध्वाखा दीन्हिनि

    साथ रहइँ तइ हाँथु देखाइनि अपनि निकारिनि घानी

    फलाने हारि गये परधानी...

    देवी देउता लाग मनावइ नाचु कूदु करवावइँ

    परसादन मा लड्डू बाँटइ मुलउ असरु ना पावइँ

    क्षमादान लोगन ते माँगइ खूबइ कसमइ खाइसि

    जेतनी रहइँ उम्मीदइ वहिकी वोट चउथिया पाइसि

    अम्मा बहिनी दौरि-दौरि के जब घर-घर रिरियानी

    फलाने हारि गये परधानी

    हारि हूरि बाहेर निकरे सब होनी देनी हुइगइ

    तमतमाइ अपनेम गरियावइँ जइसे बिजुली छुइगइ

    दुसरी वर का दगइँ पटक्का बाँटी जाइ मिठाई

    हारे वाले अइस भगे हइँ जनउ सुनामी आई

    कहिसि हरइला हमरे संग मा खूब भई बेइमानी

    फलाने हारि गये परधानी

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY