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आज़ादी

azadi

अनुवाद : हेमन्त जोशी

पॉल इल्यार

पॉल इल्यार

आज़ादी

पॉल इल्यार

और अधिकपॉल इल्यार

    अपनी स्कूली कॉपी पर

    अपनी मेज़ और पेड़ों पर

    रेत और बर्फ़ पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    सभी पढ़े हुए पन्नों पर

    सभी अनलिखे पन्नों पर

    पत्थर, ख़ून, काग़ज़ या राख से

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    हर सुनहरी तस्वीर पर

    योद्धाओं के हथियारों पर

    शहंशाहों के ताज पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    जंगल और रेगिस्तानों पर

    घोंसलों और तिनकों पर

    अपने बचपन की प्रतिध्वनियों पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    रातों के विस्मय पर

    दिन की सफ़ेद रोटी पर

    ऋतुओं के संगम पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    जलते हुए दीपक

    बुझते हुए चिराग़ों पर

    घरों के पुनर्मिलन पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    कटे हुए फलों की फाँकों पर

    आइने और अपने कमरे पर

    ख़ाली सीप से अपने बिस्तर पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    अपने लालची कुत्ते पर

    उस के उठे हुए कानों पर

    उस की ऊटपटाँग टाँगों पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    अपने द्वार की साँकल पर

    सभी पहचानी चीज़ों पर

    पवित्र अग्नि की लौ पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    हर दी हुई चमड़ी पर

    अपने मित्रों के चेहरों पर

    हरेक हाथ पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    आश्चर्य के काँच पर

    आतुर होंठों पर

    ख़ामोशी के ठीक ऊपर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    अपने हिस्सें के नीलाभ पर

    सूरज की गढ़ी हुई तलैया पर

    चाँद से जगमगाती झील पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    मैदानों पर क्षितिज पर

    पंछियों की पाखों पर

    पनचक्की की छायाओं पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    उषा की हर ताज़गी पर

    सागर पर नौकाओं पर

    पहाड़ों की ढलानों पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    सावन की बदली पर

    आँधी के गरजने पर

    मूसलाधार बारिश पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    चमकते आकारों पर

    रंगों की घंटियों पर

    सच्चाई के शरीर पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    जागती पगडंडियों पर

    फैली हुई राहों पर

    घनी बस्तियों पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    मेरी बिखरी शरणगाहों पर

    गिरी हुई रोशनी पर

    अपनी चिता की दीवारों पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    इच्छारहित अनुपस्थिति पर

    नग्न एकांत पर

    मृत्यु की पदचापों पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    लौटी हुई सेहत पर

    ग़ायब होते ख़तरों पर

    स्मृतिविहीन आशा पर

    मैं तेरा नाम लिखता हूँ।

    और एक शब्द की ताक़त से

    मैं अपने जीवन की शुरुआत करता हूँ

    मैं जन्मा हूँ तुझे जानने के लिए

    तुझे नाम देने के लिए

    आज़ादी!

    स्रोत :
    • पुस्तक : दरवाज़े में कोई चाबी नहीं (पृष्ठ 354)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : पॉल इल्यार
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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