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एक तरह से

ek tarah se

हरिओम राजोरिया

हरिओम राजोरिया

एक तरह से

हरिओम राजोरिया

और अधिकहरिओम राजोरिया

    एक तरह से भूख अपना काम कर रही थी

    और दर्द अपनी तरह से

    एक तरह से दर्द को भूख ने पछाड़ दिया था

    एक तरह से समय ख़राब चल रहा था

    दंगे भी हो रहे थे और बलात्कार भी

    साथ में फटाफट न्याय भी

    बुलडोजर चल रहे थे

    सब धर्मों का सम्मान था

    पर एक तरह से एक ही धर्म के लोगों के

    मकान गिराए जा रहे थे

    एक तरह से अपने शब्दों में कहूँ तो

    सतयुग ही गया था और दरवाज़े पर खड़ा था

    लोग फ़ोन पर हेलो की जगह

    राधे-राधे कह रहे थे

    कर्म से श्रेष्ठ होने की बात चल रही थी

    पर एक तरह से लोग

    जन्म से ही श्रेष्ठ माने जा रहे थे

    धूर्तता भी एक मूल्य था और एक तरह से

    मूर्खता का भी सम्मान हो ही रहा था

    समय ही ऐसा गया था कि कारें बढ़ गई थीं

    और सड़को पर जगह नहीं बची थी

    पुलिस और न्याय भी था

    और तंत्र अपनी तरह से काम कर रहा था

    एक तरह से कहें कि रुपए में बारह आना अन्याय था

    पर अच्छी बात यह थी कि शांति थी

    और लोग चुनरी यात्रा की तैयारी में लगे थे

    एक तरह से ठेकेदार बढ़ रहे थे

    लोग सड़कें बनाने के ठेके ले रहे थे

    और कुछ लोग जातियों की भी ठेकेदारी कर रहे थे

    एक तरह से कहें कि सब अच्छा चल रहा था

    सारे अख़बार बिक गए थे

    और पोलीथिन के प्रचलन की वजह से

    अख़बारों की रद्दी भी सस्ती हो गई थी

    एक तरह से फिर भी लोग चुप थे।

    धर्म और संस्कृति की जय बोली जा रही थी

    स्कूल बंद किए जा रहे थे

    विश्विद्यालयों को भी ठेके पर देने की बात चल रही थी

    एक तरह से शहर में जुआ और सट्टा हल्का-सा बंद था

    सबकी सुनवाई हो रही थी

    एक तरह से कह सकते हैं कि

    कहीं कोई समस्या नहीं थी

    रुपए में पाँच पैसा लोग असंतुष्ट थे

    इतने असंतुष्ट तो त्रेता युग में भी लोग हुआ करते थे

    इतिहास की कोई ज़रूरत ही नहीं रह गई थी

    क़िस्से-कहानियों को ही इतिहास मान लिया गया था

    एक तरह से ज्ञान के रास्ते में

    बहुत सारे राजनेता सोफ़ा लगाकर बैठ गए थे

    सत्संग चल रहा था

    जल में रहकर मगर से बैर कौन करे

    मगरमच्छ बढ़ रहे थे और देश में

    बाढ़ और सूखा एक साथ काम कर रहे थे

    एक तालाब एक मगरमच्छ की बात भी चल रही थी

    एक तरह से ये बात भी सही थी

    कि जल ही जीवन है

    एक तरह से कह सकते हैं कि मन मचल रहा था

    और ये बात भी सही थी कि हर जगह बदबू फैली थी।

    स्रोत :
    • रचनाकार : हरिओम राजोरिया
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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