दीए की याचना

diye ki yachana

श्वेतांक सिंह

श्वेतांक सिंह

दीए की याचना

श्वेतांक सिंह

और अधिकश्वेतांक सिंह

    आज दीया बहुत उदास था

    आँसुओं से भीगी उसकी देह

    सूखाई जा रही थी धूप में

    यह समय

    उसके मालिक से विदा होने का था

    उन पिता जैसे हाथों से

    विदा होने का था

    जिन्होंने उसे रौशनी बाँटने के लिए गढ़ा था

    कुम्हार से

    दीया कितना कुछ कहना चाहता था

    पर हिम्मत नहीं जुटा पाता

    अंत में बोरे में भरे जाने के पूर्व

    उससे रहा नहीं गया

    और दीए ने

    अपनी भरी-भारी आवाज़ में कहा

    मेरे मालिक सुनो!

    मेरी देह

    तुम्हारे हाथों का बिंब है

    मेरा लाल रंग

    आग में तपते

    तुम्हारे हाथों के पके रंग

    मेरी पेंदी की गहराई

    तुम्हारे दुखों जितनी गहरी है

    और मेरा बाती से प्रेम

    तुम्हारे माटी से प्रेम जितना सच्चा है

    मेरे मालिक सुनो!

    मैं जानता हूँ कि

    तुम पेट, भूख, समाज

    आदि आदि से मजबूर हो

    इसलिए मैं तुम्हें रोकूँगा नहीं

    मुझको बाज़ार ले जाने से

    पर यदि हो सके तो

    तुम मुझे सौंपना उन हाथों को

    जो तुम्हारे फटे खेत जैसे हाथों से प्यार करते हों,

    मुझे सौंपना उस आदमी को

    जो धरती के रंग में रंगे

    तुम्हारी धोती और कमीज़ को

    मानता हो दुनिया का एक ज़रूरी रंग,

    मुझे रखना

    उस आदमी के

    घर की दहलीज़ पर

    जो मेरी मद्धिम रौशनी में

    खर-पतवारों से

    घरों की छतें और दीवारें बुनता हो

    मेरी लौ से

    किसी की झोपड़ी नहीं फूँकता

    मुझे छोड़ देना

    उस डीह की टूटी ईंट पर

    जहाँ युगों से

    कोई आया गया नहीं है

    आदमी का साया तक नहीं,

    मुझे रख देना

    उस आदमी की हथेली में

    जो चाँद और सूरज की

    ख़ूबियाँ नहीं जानता

    केवल रोटी पहचानता है

    मेरे मालिक सुनो!

    मुझे ज़बरदस्ती पटक देना

    उस आदमी के हाथ में

    जो अब आदमी नहीं बचा है

    रौशनी की भूख में

    उसकी आग कब की मर चुकी है,

    हो सके तो

    बड़ी श्रद्धा से

    मुझे रख देना

    उस स्त्री की हथेली पर जो

    वर्षों से, रातों में जागकर

    लोगों को लिखना सीखा रही है

    आत्मसम्मान के ज़रूरी कुछ अक्षर—

    अ, स, और न॥

    स्रोत :
    • रचनाकार : श्वेतांक कुमार सिंह
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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