दरकती हुई दीवारों पर ख़ून के धब्बे है
darakti hui divaron par khoon ke dhabbe hai
वसुंधरा यादव
Vasundhara Yadav
दरकती हुई दीवारों पर ख़ून के धब्बे है
darakti hui divaron par khoon ke dhabbe hai
Vasundhara Yadav
वसुंधरा यादव
और अधिकवसुंधरा यादव
दरकती हुई दीवारों पर ख़ून के धब्बे है
इसका मतलब है कि हम लड़ चुके है
हमने अपने हाथों से अपनी बेडियाँ खोलने की आज़ादी पा ली है
हमने खेतों की मेडों पर चलते हुए
फसलों की मीठी बालियों को चूसकर
आज़ादी का स्वाद चखा है
हमने अपने बच्चों के हाथों में थमा दी है
कुछ किताबें और ज्वार की बालियाँ
ताकि वे लड़ सके अपनी असीमित भूख से
हमने अपने घर की औरतों की दाल में मिला
दिया है गहरा नमक
और फिर उनसे लड़कर उन्हें लड़ना सिखाया है
हमने जलियावाले बाग में बेदर्दी से
छपे ख़ून से सने हाथों पर अपने स्याह हाथ रखकर
नाप ली है ज़िंदगी और मौत के बीच की आज़ादी
और अब आप देख सकते है
हमारे खेतों की फसलों के लहलहा सकने की आज़ादी।
- रचनाकार : वसुंधरा यादव
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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