बेटे के लिए
bete ke liye
रोचक तथ्य
अर्जेंटीना की सैन्य तानाशाही के दौरान गेलमान की पुत्री, पुत्र और पुत्रवधू को हिरासत में लेकर अज्ञात स्थान पर क़ैद कर दिया गया और उन्हें ‘लापता’ घोषित कर दिया गया। कुछ समय बाद पुत्री तो रिहा कर दी गई, किंतु यातना शिविर में पुत्र की मृत्यु हो गई। उस समय पुत्रवधू गर्भवती थी। लंबे समय तक यही माना गया कि वह भी संतान सहित मारी गई है। बाद में ज्ञात हुआ कि उसे उरुग्वे निर्वासित कर दिया गया था, जहाँ उसने एक पुत्री को जन्म दिया। वर्ष 2000 में गेलमान ने अथक खोजबीन के बाद अपनी पौत्री को ढूँढ़ निकाला।
क्या तुम आ गए हो और मैं तुम्हें नहीं देख पाता हूँ? कहाँ
छिपे हो तुम? क्या कुछ भी मेरा ध्यान नहीं हटाएगा
तुमसे आख़िरकार मैं कराह उठता हूँ रात में
मैं अपने भीतर रोके रखता हूँ कराह
ये मेरा इंकार है तसल्ली के ख़िलाफ़ ज़ख़्मी अनुपस्थिति
मिटता हुआ तुम्हें बेतरह याद करता हुआ कितने डायपर पहले
तुम मुझसे मिलने आए थे मैं तमाम चीज़ों से बाहर आ जाता हूँ
तुम्हें देखने के लिए
नफ़रत करता हुआ अपने होने से उस तुम्हें क्या याद है से
वो स्पर्श जो मुझे खींच कर रख देता है मेरे बेटे
क्या तुम उड़ सकते हो इन तख़्तियों से
क्या ये संभव है
अपने से अपने को हारते हुए मैं तुम्हें थाम लूँ
शहर के किनारों पर
उन बाज़ारों में जहाँ तुम्हें देखा करता
तुम कहीं नहीं मिल रहे ये सोचता जा रहा हूँ मैं
क्या मैंने जीता है तुम्हारा न रहना ख़ुद को हराने के लिए
ख़ुद को आत्मा से विरक्त करते हुए,
क्या मैं तुम्हारी नन्ही आत्मा को रख लूँ अपने भीतर आख़िरकार।
- पुस्तक : सूखी नदी पर ख़ाली नाव (पृष्ठ 393)
- संपादक : वंशी माहेश्वरी
- रचनाकार : युआन गेलमान
- प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
- संस्करण : 2020
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